Kosi river in Chukam village : उत्तराखंड राज्य के रामनगर क्षेत्र में एक ऐसा गांव है जहां बरसात लोगों के लिए आफत बन जाती है अमूमन भी लोगों को कोसी नदी को पार करके ही जीवन यापन करना पड़ता है लेकिन बरसात के समय नदी उफान पर आ जाती है जिसके कारण लोगों को घरों में दुबकने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
पुल नहीं होने से लोग तैरकर करते हैं नदी पर
उत्तराखंड के रामनगर क्षेत्र से 22 किलोमीटर दूर मोहान का चुकम गांव स्थित है जहां आजादी के 74 साल बाद भी कोसी नदी पर एक पुल नहीं बन सका है जिसकी वजह से रोजाना ना जाने कितनी बार लोगों को नदी पार करके जाना पड़ता है लेकिन बरसात के समय ये नदी उफान पर आ जाती है जिससे लोगों को घरों में कैद होने पर मजबूर होना पड़ता है। इस बार भी स्थिति वैसी ही बनी हुई है बारिश के कारण अभी भी चुकम गांव में कोसी नदी उफान पर है आलम ये है की जरूरी सामान लेने के लिए भी लोगों के पास कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। अमूमन तौर पर जरूरी सामान लेने के लिए ग्रामिण जान हथेली पर रखकर तैरकर नदी पार करके दूसरी छोर पर जाते हैं लेकिन नदी के उफान पर होने के वजह से लोग घरों में कैद होने को मजबूर है।
राजनीतिक पार्टियों का झूठा वादा ग्रामीणों के लिए मुसीबत ज्यादा
Kosi river in Chukam village : ग्रामिणों का कहना है कि उत्तराखंड को पृथक राज्य बने हुए 21 साल हो गए हैं और इन 21 सालों में कई सरकारें आई और कई बड़े वादे भी किए लेकिन सरकार बनने के बाद कोई भी अभी तक इस नदी पर पुल नहीं बनवा सका है। ग्रामीणों को कहना है कि दोनों सरकारें भले ही विकास के लाख दावे कर लें, पर जमीनी स्तर पर कुछ और ही देखने को मिलता है। पुल बनाने को लेकर दोनों पार्टियों की सरकारों के दरवाजे खटखटा चुके हैं लेकिन आजतक वादों के अलावा ग्रामीणों के हाथ और कुछ भी नहीं लगा। आलम ये है की जरूरी सामान लेने के लिए जान हथेली पर रखकर नदी को तैरकर पार करना पड़ता है जिस कारण आधा सामान तो पानी में ही खराब हो जाता है।
मजबूर इंसान, पानी बना शैतान
उत्तराखंड राज्य बनने से पहले से ही चुकम गांव में यही स्थिति बनी हुई है लेकिन सरकारें बस दावे वादे तक ही सिमटकर रह गई है। चुनाव जीतने के बद वो वादे धरे के धरे रह जाते हैं और गांववालों की परेशानियां भी जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों ने सरकार से गुहार लगाई है की जल्द कोसी नदी पर पुल बनाया जाए जिससे उनकी परेशानियों का हल हो सके।