कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या और विभागीय सचिव व खाद्य आयुक्त सचिन कुर्वे के हालिया विवाद को लेकर भाजपा भी नाराज है। वहीं, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी रेखा के समर्थन में कूद गए हैं। मंत्री व खाद्य आपूर्ति आयुक्त के बीच छह अफसरों के तबादलों को लेकर इतनी ठन गई कि दोनों अब अपना पावर गेम दिखा रहे हैं।
तबादलों को जहां मंत्री रेखा ने निरस्त करने के आदेश दिए हैं, वहीं आयुक्त कुर्वे ने इन तबादलों को जायज ठहराते हुए निरस्त नहीं किया। जिससे विवाद थमने के बजाय बढ़ ही रहा है। बहरहाल, मंत्री-नौकरशाह के इस झगड़े की वजह से सरकार की फजीहत हो रही है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा टोली बैठक में भी यह मसला उठा।
पार्टी के एक प्रदेश पदाधिकारी ने बताया संगठन इस तरह के किसी विवाद के पक्ष में नहीं है। इससे सरकार- संगठन दोनों की छवि पर असर पड़ता है। उधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि इस मामले को दिखवाया जा रहा है। जबकि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने नौकरशाहों को अपनी सीमा न लांघने की सलाह दी। उन्होंने नौकरशाहों को मीडिया में अपने बयानबाजी को लेकर नसीहत भी दी।
धामी कर सकते हैं हस्तक्षेप
सूत्रों ने बताया कि विवाद के पटाक्षेप के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद ही मोर्चा संभाल सकते हैं। मंत्री और नौकरशाह व्यक्तिगत रूप से उनकी जानकारी में पूरा मामला ला चुके हैं। सीएम धामी ने दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली में होने से इस पर गौर नहीं किया, लेकिन अब वापस राजधानी पहुंचते ही कड़ा रुख अपना सकते हैं।
सीएम हस्तक्षेप करें: कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने खाद्य विभाग में किए जा रहे तबादलों में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या के अनावश्यक हस्तक्षेप की कड़ी आलोचना की है। धीरेंद्र प्रताप ने जिस तरह से राज्य में ब्यूरोक्रेसी के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है, उससे सारी नौकरशाही का हौसला टूट रहा है। कहा कि मुख्यमंत्री को तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।