Republic Day 2022 : जैसे कि आप जानते है कि 1947 में भारत आजाद हुआ था और 26 जनवरी 1950 को आजाद भारत का संविधान लागू किया गया था और उस दिन के बाद से हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते आए हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आजाद भारत का पहला गणतंत्र दिवस कैसे मनाया गया था नहीं ना तो चलिए हम आपको बताते हैं।
Republic Day 2022 : ब्रिटिश स्टेडियम में मनाया गया था पहला गणतंत्र दिवस
दरहसल, 26 जनवरी 1950 को भारत का पहला गणतंत्र दिवस दिल्ली के पुराना किला के सामने स्थित ब्रिटिश स्टेडियम में मनाया गया था। इस दिन इस स्टेडियम को दुल्हन की तरह सजाया गया। जहां पर सबसे पहले देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने पहली बार ध्वजारोहण किया और उनके ध्वजा रोहण करने के बाद परेड की शुरुआत की गई थी लेकिन सबसे पहले तोपों की सलामी दी गई जिससे पूरा किला गूंज उठा था इस परेड में राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के अलावा देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी शामिल हुए थे।
Republic Day 2022 : कनॉट प्लेस पर एकत्रित हुई थी लोगो की भीड़
इस ऐतिहासिक परेड की झलक पाने के लिए उस समय कनॉट प्लेस पर लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई थी और सब आजाद भारत की पहली परेड की झलक पाने के लिए बेताब थे। इस परेड में जल, वायु और थल सेनाओं की कुछ टुकड़ियां शामिल हुई थी। मौजूदा समय में जिस तरीके से राजपथ पर झांकियां निकालने के साथ ही बड़े विमानों के करतब देखने को मिलते हैं वैसा पहले गणतंत्र दिवस पर नहीं था उस दौरान केवल छोटे विमान डकोटा और स्पिटफ़ायर ने करतब दिखाएं जिसपर लोगों ने खूब तालियां बजाई।
Republic Day 2022 : बेहद खास था वो दिन
आजादी के बाद इस दिन का भारत के लिए एक खास महत्व था। ये वहीं दिन था जब भारत अपनी जमीन से विदेशी राज के अंतिम निशान मिटा कर गणतंत्र राष्ट्र की मंडली में शामिल होने जा रहा था और अन्य देशों से मिल रही शुभकामनाओं ने भारत के लिए इस दिन को और भी ज्यादा खास बना दिया था। शुभकामनाएं देने वाले लोगों की फहरिस्त में किंग जॉर्ज का नाम भी शामिल था जिन्होंने भारत में संविधान लागू होने पर शुभकामनाएं प्रेषित की थी।
Republic Day 2022 : हम भी आजाद, तुम भी आजाद का लगा था नारा
1950 में जनरल फील्ड मार्शल करिअप्पा भारतीय सेनाओं के प्रमुख थे जिन्होंने इस खासमौके पर जवानों की टुकड़ी को हिंदी में कहा था कि ‘आज हम भी आजाद, तुम भी आजाद और हमारा कुत्ता भी आजाद’ उनकी जोश भरी आवाज ने वहां एक अलग ही माहौल तैयार कर दिया था जिसके बाद भारत माता की जय के नारों से सारा स्टेडियम गूंज उठा था। यही नहीं आजाद भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर गीत संगीत का आयोजन भी धूमधाम से किया गया था जिसमें युवाओं के नृत्य ने इस जश्न में चार चॉंद लगाने का काम किया था।
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