Padma Awards 2021 : पद्म पुरस्कार समारोह इस बार भी बेहद खास रहा जिसमें 119 हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इन बेहद ही खास हस्तियों में जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 10 विदेशी मेहमानों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया तो वहीं 16 लोगों को मरणोपरांत इस सम्मान से नवाज़ा गया। लेकिन इस सम्मान समारोह में कुछ ऐसे लोग भी रहे जिन्होंने पद्म पुरस्कार से सम्मानित होकर तो ख्याति प्राप्त की ही साथ ही अपनी सादगी से भी वो लोग सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। इन्हीं टॉप 3 लोगों के बारे में आपको बताएंगे जो अपनी सादगी से सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं।
अनपढ़ फल विक्रेता की विद्यालय बनवाने तक की कहानी

कहते हैं शिक्षा बिना जिन्दगी अधूरी है लेकिन इस अधूरी जिन्दगी जीने के साथ ही दूसरी जिन्दगियों को पूरा करने वाले हरेकला हजब्बा ने इस बार पद्म श्री पुरस्कार पाकर ये साबित जरूर कर दिया की यदी जिन्दगी में कुछ ठान लिया जाए तो मेहनत के साथ उसे पूरा जरूर किया जा सकता है। दरहसल हरेकला हजब्बा कर्नाटक के मैंगलोर में रहते हैं जो 68 वर्ष के हैं। बीति बातों को याद करते हुए हरेकला हजब्बा बताते हैं कि बात सन् 1977 की है जब वो पढ़ाई लिखाई से वंचित होने के कारण मंगलुरु बस डिपो में संतरे बेचा करते थे और अपने परिवार का भरण पोषण किया करते थे। जिन्दगी साधारण रास्ता लेकर बस चले जा रही थी। लेकिन 1978 में एक दिन ऐसा आया जिसने उनकी जिन्दगी को एक मकसद दे दिया।

दरहसल एक दिन की बात थी, एक बार उनके पास एक विदेशी संतरा खरीदने के लिए आए और उनसे उन्होंने अंग्रेजी भाषा में संतरे का दाम पूछा लेकिन अंग्रेजी का ज्ञान होने के आभाव में हरेकला उन्हें संतरे का दाम नहीं बता पाए और उन्हें बहुत बुरा लगा क्योंकि वो उस विदेशी की मदद नहीं कर सके और तब से उन्होंने इसे जिन्दगी का मकसद बना लिया की मैं गांव में एक विद्यालय की स्थापना जरूर करूंगा।

हरेकला ने फिर पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा फल बेचकर घर का गुजर—बसर करने के साथ ही उन्होंने गांव में 2 दशक बाद ही एक विद्यालय का निर्माण करवाया जिसमें शुरूआती दौर में 28 छात्र जुड़े और अब मौजूदा समय में 175 छात्र अपनी पढ़ाई को पूरा कर रहे हैं। अनपढ़ होने के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र में इस क्रांति को लाने हरेकला हजब्बा को जिस समय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पद्म श्री से नवाज़ रहे थे उस समय वो बेहद ही सादगी के साथ नंगे पैर सम्मान को ग्रहण करने के लिए पहुंचे जिसने लोगों के दिल को छु लिया। उनकी यही सादगी और हिम्मत की कहानी अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है।
Padma Awards 2021 : ट्रांसजेंडर की इस बात से खुद हैरान रह गए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
हर साल पद्म पुरस्कारों से नाजाने कितनी ही हस्तियां सम्मानित होती हैं लेकिन इस बार एक ट्रांसजेंडर को भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया लेकिन खास बात ये नहीं थी की वो ट्रांसजेंडर थी बल्कि खास बात ये थी की उन्होंने पुरस्कार लेते समय कुछ ऐसा किया की खुद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी हैरान रह गए। दरहसल पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने की फहरिस्त में इस बार कर्नाटक बेल्लारी जिले में जन्मीं ट्रांसजेंडर फोक डांसर नृत्यांगना मंजम्मा जोगती नाम भी शामिल था जिन्हें लोक नृतय में अहम योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाज़ा गया।
Padma Awards 2021 :
अपनी जिन्दगी के पिछले पन्नों को उलटते हुए मंजम्मा जोगती बताती हैं की मंजम्मा का जन्म कर्नाटक के बल्लारी जिले में मंजुनाथ शेट्टी के रूप में हुआ था। 10वी तक परिक्षा पूरी करने के बाद लगभग 15 साल की उम्र में मंजम्मा ने खुद के वास्तविक रूप को पहचानना शुरू किया और उसने पाया कि वो एक पुरूष नहीं बल्कि महिला हैं और ये बात जब मंजम्मा के माता पिता को पता लगी तो उन्होंने पहले तो उन्हें खूब कोसा बादमें उन्हें ‘जोगप्पा’ किया जो एक ऐसा अनुष्ठान जिसमें भक्तों को एक देवी या देवता से शादी करनी होती है और ये तब हुआ जब ‘मंजुनाथ शेट्टी’ ‘मंजम्मा जोगाथी’ बन गईं। लेकिन मुश्किल ये थी की मंजम्मा के रूप में, वह अपने घर में प्रवेश नहीं कर सकती थी।
Padma Awards 2021 :
फिर क्या था अपने मुकद्दर की खोज में एक साड़ी लपेटकर मंजम्मा निकल पड़ी और गुजर बसर करने के लिए भीख मांगी। इस दौरान एक दौर ऐसा भी आया जब मंजम्मा को यौन उत्पीड़िन का सामना भी करना पड़ा जिसने उन्हें इतना अंदर तक कसोट दिया की मन में आत्महत्या जैसे ख्याल आने लगे। लेकिन कहते हैं ना भगवान किसी ना किसी रूप में मदद के लिए अवश्य आता है और मंजम्मा की जिन्दगी में वो भगवान एक पिता—पुत्र की जोड़ी थी जिसने मानसिक शांति के साथ ही मंजम्मा को नृत्य की दुनिया से रूबरू करवाया जिसके बाद मंजम्मा ने कल्लव जोगती नाम के इस शक्स से जोगाथी नृत्य के नाम से जाना जाने वाला नृत्य सीखा।

Padma Awards 2021 :
कल्लव की मृत्यु के बाद, उन्होंने पूरे राज्य में नृत्य प्रदर्शन किया और इस नृत्य रूप को लोकप्रिय बनाया। यही नहीं मंजम्मा प्रदर्शन कला के लिए राज्य सरकार की एक संस्था, कर्नाटक जनपद अकादमी की पहली ट्रांसजेंडर अध्यक्ष भी बनीं। जोगाथी नृत्यकला को लोकप्रिय बनाने की इसी खासीयत की वजह से उन्हें इस बार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया। लेकिन इस दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसे देखकर खुद राष्ट्रपति भी हैरान रह गए। दरहसल जिस समय मंजम्मा को पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा था उस समय मंजम्मा ने अपनी साड़ी के पल्लू से राष्ट्रपति की नज़र उतारी थी जो जीवन में सौभाग्य लेकर आता है उनके द्वारा ऐसा करने पर हॉल ताली की गड़गड़ाहट से भर उठा और उनकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है।
Padma Awards 2021 :
Padma Awards 2021 : पद्म श्री पाकर दिल्ली हरियाणा भवन के बाहर फुटपाथ पर धरने पर बैठा ये पहलवान
पद्म पुरस्कारों से सम्मानित महारथियों की लिस्ट में इस बार ‘गूंगा पहलवान’ के नाम से प्रख्यात हरियाणा के रेसलर वीरेन्द्र सिंह का नाम भी शामिल रहा जिन्हें पहलवानी के क्षेत्र में अहम योगदान देने के कारण राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मी श्री सम्मान से सम्मानित किया। लेकिन पद्मश्री लेने के बाद गूंगा पहलवान ने कुछ ऐसा किया की वो सोशल मीडिया में छाए हुए हैं।
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Padma Awards 2021 :

दरहसल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए कई मेडल जीत चुके अर्जुन अवॉर्डी पहलवान वीरेन्द्र सिंह अपना पद्मश्री अवॉर्ड लेकर घर नहीं गए बल्कि दिल्ली स्थित हरियाणा भवन के बाहर डेरा डालकर बैठ गए। पहलवान वीरेन्द्र का कहना है कि हरियाणा सरकार उन्हें समान अधिकार नहीं दे रही है।

Padma Awards 2021 :
वीरेन्द्र ने सोशल मीडिया के जरिए एक पोस्ट साझा करते हुए राज्य सरकार को लिखा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी आपके आवास दिल्ली हरियाणा भवन के फुटपाथ पर बैठा हूं यहां से तब तक नहीं हटूंगा जब तक आप हम मूक—बधिर खिलाड़ियों को पैरा खिलाड़ियों के समान अधिकार नहीं देंगे। वीरेन्द्र ने आगे लिखा कि जब केंद्र हमें समान अधिकार दे रही हैं तो आप क्यों नहीं। वीरेन्द्र ने अपने इस पोस्ट में अपनी एक फोटों भी साझा की हुई है जिसमें उनके हाथ में पद्मश्री अवार्ड के साथ ही कई और अवार्ड भी दिखाई दे रहे हैं। उनके इस पोस्ट की वजह से वो सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं।