हरियाणा कैबिनेट मीटिंग 15 मई को होने जा रही है।15 मई को हरियाणा की आबकारी एवं कराधान विभाग के द्वारा एक्साइज पॉलिसी भी लाई जा सकती है क्योंकि कोविड-19 के दौरान हरियाणा की एक्साइज पॉलिसी 31 मार्च के बाद आने की प्रथा डल चुकी है। चर्चा है कि इस कैबिनेट मीटिंग के अंदर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को यह पूर्ण अधिकार दिए जा सकते हैं कि वे हरियाणा विधानसभा के अंदर विश्वास मत साबित करने के लिए तिथि निर्धारित करे ।
फिलहाल लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व लोकसभा चुनाव को लेकर प्रदेश सहित पूरे देश मे आदर्श आचार चुनाव संहिता लागू है! जो कि अगामी 4 जून को मतगणना के बाद हटेगी! विपक्ष लगातार मांग कर रहा है कि हरियाणा सरकार विश्वास मत हो चुकी है जो कि अब अल्पमत में है ! सूत्रों का कहना है कि विपक्ष की बातों का करारा जवाब देने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री तथा उनकी टीम ने एक रणनीति तैयार की है , जिसके बाद से हरियाणा सरकार विश्वास मत खुद विधानसभा के अंदर लाना चाहती है। इसके पूर्व अधिकार 15 मई को होने वाली कैबिनेट मीटिंग के अंदर दिए जाने की चर्चा है।
हरियाणा के अंदर वर्तमान में 88 विधायक हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेजीपी के 3 विधायक जल्द ही पार्टी को अलविदा सकते हैं! ऐसा होने से हरियाणा के अंदर विधायकों की संख्या 85 रह जाएगी। जेजेपी के 2 विधायक रामकरण काला तथा ईश्वर सिंह दोनों कांग्रेस की तरफ अपना कदम बढ़ा चुके हैं !यही नहीं उनके परिवारक सदस्य कांग्रेस को विधिवत रूप से ज्वाइन भी कर चुके हैं। ऐसी स्थिति मे वे भी विधायक सदन पटल पर किसी भी स्थिति में जेजेपी के साथ खड़े नजर नहीं आएंगे।
इन राजनीतिक परिस्थितियों के अंदर यह दोनों अनुपस्थित भी रह सकते हैं। ऐसी स्थिति मे भाजपा अपना राजनीतिक गणित पूरा कर सकती है ! राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार भाजपा के हरियाणा विधानसभा के भीतर विश्वास मत प्राप्त करने की तिथि तय कर आगामी रणनीति का खुलासा करेगी। लेकिन यह सब कुछ मुख्यमंत्री हरियाणा पर छोड़ा जाएगा।