Why Celebrate Halloween : ईसाई धर्म में क्रिसमस के बाद मनाए जाने वाले साल के दूसरे सबसे बड़े त्यौहार हैलोवीन को पश्चिमी देशों में बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। लोगों द्वारा कई दिन पहले से ही इस त्यौहार की तैयारी की जा रही थी और आज सुबह से ही हैलोवीन के त्यौहार को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है बच्चे भी सुबह से ही इस त्यौहार की तैयारियों में जुटे हुए है।
हैलोवीन ईव के दिन डरावनी वेशभूषा पहनते हैं लोग

Why Celebrate Halloween :
यूरोपियन देशों में मनाए जाने वाले साल के दूसरे सबसे बड़े त्यौहार हैलोवीन को आज बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। बच्चों से लेकर बूढ़े सभी इस त्यौहार को लेकर उत्साहित नज़र आ रहे हैं और यही वजह है की इस त्यौहार के कुछ दिन पहले से ही इस त्यौहार की तैयारियां शुरू हो गई थी। बता दें इस दिन लोग डरावनी वेशभूषा में नज़र आते है। इस दिन जहां पुरूष भूत, पिचाश, ड्रैगन, वेंपायर की तरह ड्रेसप होते हैं तो वहीं महिलाएं इस दिन चुड़ैल, भूतनी या फिर दूसरे डरावने अवतार में नज़र आती है और रात में सभी लोग एकत्रित होकर इस दिन पार्टी करते हैं।
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31 अक्टूबर की रात को मनाया जाती है हेलोवीन ईव

Why Celebrate Halloween :
प्रचलित कहानियों के अनुसार हैलोवीन गौलिक परंपरा को मानने वाले लोगों को त्यौहार है। इस परंपरा को मनाने वाले लोग एक नवंबर को अपना नया साल मनाते हैं और एक दिन पहले यानी 31 अक्टूबर की रात को हेलोवीन त्यौहार मनाते है। इस दिन की मान्यता है की इस दिन स्प्रिचुअल दुनिया और हमारी दुनिया की दीवार काफी कमजोर हो जाती है जिसके कारण अतृप्त और बुरी आत्माएं धरती पर प्रवेश करती है और वह इंसानों को नुकसान पहंचाने का प्रयास करती है जिससे बचने के लिए इंसान खुद डरावना अवतार धारण कर लेते हैं जिससे बुरी आत्माएं उनसे दूर रहें। यही नहीं लोग इस दिन कद्दू को खोखला करके उसमें मुंह का आकार बनाते हैं जैसे आॅंख, नाक जिसके बाद उसके अंदर मोमबत्ती रख दी जाती है और बाद में उस कद्दू को बाहर पेड़ पर लटका दिया जाता है या फिर दफना दिया जाता है। ऐसा माना जाता है की ऐसा करने से बुरी आत्माओं का प्रभाव किसी भी मनुष्य पर नहीं होता।
Why Celebrate Halloween : सेल्टिक कैलेंडर का आखिरी दिन होता है हैलोवीन

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हैलोवीन सेल्टिक कैलेंडर का आखिरी दिन होता है। जिसे आल सेंट्स डे के नाम से भी जाना जाता है। और ये 1 नवंबर को मनाया जाता है। आल सेंट्स डे से पहले आल हेलोस ईव की शाम होती है जिसको अब हेलोवीन ईव के नाम से विख्यात है। इस त्यौहार के दिन मुख्य रूप से मूर्तियों की पूजा की जाती है जिसको कुछ पोप्स द्वारा इसे ईसाई धर्म के साथ मिलाने का प्रयास किया गया जिसके कारण आल सेंटस डे और हैलोवीन एक ही दिन मनाया जाने लगा।

Why Celebrate Halloween : हैलोवीन ईव के दिन बच्चों में भी खासा उत्साह देखा जाता है। इस दिन सभी बच्चे भी डरावनी वेशभूषा धारण करके पड़ोसी और रिश्तेदारों के घर जाते हैं और ट्रिक और ट्रीट मनाते है। इस दिन बच्चे पड़ोसियों के घर में जाकर बोलते है ट्रिक और ट्रीट। तब पडोसी उन्हें ट्रीट बोलकर उन्हें खाने के लिए चॉकलेट देते हैं।