देहरादून: उत्तराखंड सरकार संस्कृत भाषा के जरिए युवाओं को रोजगार से जोड़ने की दिशा में काम करने का निर्णय लिया है. जिसके तहत यज्ञ, कर्मकांड, वेद में सर्टिफिकेट कोर्स की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही संस्कृत का अध्ययन कर रहे बच्चों को 16 संस्कार के बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी. पहले चरण में 100 बच्चों को, फिर उसके बाद हर साल लक्ष्य निर्धारित कर युवाओं को संस्कारों की शिक्षा दी जाएगी. संस्कृत के क्षेत्र में शिक्षण, लेखन और संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों लोगो को हर साल सम्मानित किया जाए.
दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की सामान्य समिति की 10वीं बैठक ली. बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि उत्तराखंड योग, आयुष, ऋषि-मुनियों और संस्कृत की भूमि रही है. उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा संस्कृत को राज्य में बढ़ावा देने के लिए स्कूल और कॉलेज में संस्कृत में वाद-विवाद, निबंध लेखन, श्लोक प्रतियोगिताएं कराई जाए.