जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए हरियाणा के जींद के प्रदीप

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए भारतीय सेना के कमांडो प्रदीप नैन शहीद हो गए. हरियाणा के जींद के रहने वाले प्रदीप अपनी माता-पिता के इकलौते बेटे थे. वो सिर्फ 18 साल की उम्र में साल 2015 में भारतीय सेना में कमांडो बन गए थे और अभी दो साल पहले ही उनकी शादी हुई थी. उनकी गर्भवती पत्नी शहीद होने की खबर के बाद बीमार हो गईं.

जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का पूरी तरह से खात्मा करने के लिए सुरक्षाबलों का ऑपरेशन लगातार जारी है. शनिवार को आतंकियों से लड़ते हुए दो जवानों के शहीद होने के बाद रविवार को जवानों ने एनकाउंटर में 6 आतंकवादियों को मार गिराया. हालांकि कुलगाम में आतंकियों से लोहा लेते समय सेना के कमांडो प्रदीप नैन शहीद हो गए थे. वो जींद के नरवाना के रहने वाले थे और बहादुरी से आतंकियों के खिलाफ लड़ रहे थे.

दो साल पहले हुई थी शादी

प्रदीप कमांडो के रूप में साल 2015 में सेना में भर्ती हुए थे और अभी तो दो साल पहले (2022) में उनकी शादी हुई थी. आतंकियों से लड़ते वक्त शहीद होने के बाद प्रदीप का पार्थिव शरीर आज गांव में लाया जाएगा. प्रदीप के परिवार में माता-पिता सहित उनकी धर्मपत्नी हैं. प्रदीप अपने मां-बाप के इकलौते बेटे थे.

प्रदीप की धर्मपत्नी गर्भवती हैं और जैसे ही उन्हें पति के शहीद होने की खबर मिली, तबियत बिगड़ गई. उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. प्रदीप के शहीद होने के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है क्योंकि मात्र 27 साल की उम्र में उन्होंने देश की सुरक्षा में अपना बलिदान दे दिया. प्रदीप के पड़ोसी गांव के रहने वाले रिटायर्ड सूबेदार जयभगवान के मुताबिक प्रदीप बहुत ही सरल स्वभाव का था .