उत्तराखंड सरकार के अपात्र को ना-पात्र को हां अभियान पर भाजपा के भीतर से ही सवाल उठा गया है। धनोल्टी से भाजपा विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने का सवाल है कि बिना आर्थिक सर्वेक्षण कराए ही सरकार किस प्रकार राशन कार्ड को निरस्त करा रही है? 14 जून से शुरू होने जा रहे विधानसभा के बजट सत्र के लिए पंवार ने इस मुददे को अल्पसूचित प्रश्न के रूप में दर्ज कराया है।
हालांकि इस प्रश्न को लिया जाएगा या नहीं, यह तो सत्र के दौरान ही तय होगा, लेकिन पंवार की चिट्टी से पूरा खाद्य विभाग सकते में जरूर आ गया है। खाद्य विभाग के अधिकारी पंवार के सवाल के जवाब को तैयार कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अभी तीन दिन पहले खाद्य विभाग को सत्र के दौरान पूछे जाने वाले सवाल का जवाब तैयार करने के आदेश मिले हैं।
सूत्रों के अनुसार पंवार ने सवाल के जरिए सरकार से पूछा है कि राशन कार्ड निरस्त कराने के आदेश से जनता में भ्रम और निराशा का वातावरण बना हुआ है। क्या सरकार बताएगी कि बिना आर्थिक सर्वेक्षण कराए राशन कार्ड निरस्त करना उचित है?
पात्रों को मिलेंगे सरेंडर किए राशन कार्ड
खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों की मंत्री रेखा आर्य के मुताबिक ‘अपात्र को ना, पात्र को हां’ मुहिम को लोगों ने खूब सराहा है, इसी क्रम में अब तक 58,374 लोगों ने खुद अपने राशन कार्ड सरेंडर कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि अब इन राशन कार्ड को जरूरतमंद परिवारों को दिया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पात्र लोगों तक पूरा राशन पहुंचे।V
सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वास्तविक पात्र लोगों को उनका हक बिना किसी मुश्किल के मिल सके। इसके लिए खाद्य सचिव को निर्देश दिए गए हैं। रेखा आर्य ने बताया कि सरकार एक और बड़े रिफार्म के तौर पर फूड ग्रेड एटीएम की शुरुआत करने जा रही ही, इसके तहत उपभोक्त एटीएम की तर्ज पर कहीं से भी अपना राशन प्राप्त कर सकेंगे।
कहां कितने कार्ड सरेंडर हुए
जिला सरेंडर
चमोली 2159
पौड़ी 0934
उत्तरकाशी 597
टिहरी 3697
देहरादून 9867
रुद्रप्रयाग 786
हरिद्वार 8987
यूएसनगर 10214
नैनीताल 4435
चम्पावत 879
बागेश्वर 1517
अल्मोड़ा 962
पिथौरागढ 3340