उर्दू में लिखे साइन बोर्ड हटाए जाएंगे, 1500 करोड़ से होगा दून रेलवे स्टेशन का कायाकल्प

दून रेलवे स्टेशन पर उर्दू भाषा में लगे साइन बोर्ड हटाए जाएंगे। रेलवे की यात्री सुविधा समिति इसके लिए रेलवे बोर्ड को सुझाव देगी। साथ ही, संस्कृत भाषा में साइन बोर्ड लगाने का सुझाव देगी।

बोला उर्दू राज्य की भाषा नहीं
गुरुवार को 12 सदस्यीय यात्री सुविधा समिति के सदस्य अभिजीत दास की नजर प्लेटफार्म नंबर तीन पर लगे साइन बोर्डों पर पड़ी। यहां तीन भाषाओं में स्टेशन का नाम लिखा था। इसमें सबसे ऊपर उर्दू में दून स्टेशन का नाम था। उन्होंने इसे हटाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हिंदी भाषी प्रदेश है। उत्तराखंड की द्वितीय भाषा संस्कृत है और अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय भाषा है, लेकिन यह राज्य उर्दू भाषी नहीं है, इसलिए यहां से उर्दू के साइन बोर्ड हटने चाहिए।

1889 में बना था दून रेलवे स्टेशन
‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में अभिजीत दास ने कहा कि वे दून स्टेशन से उर्दू भाषा वाले साइन बोर्ड हटाने की संस्तुति करेंगे। यह स्टेशन 1889 में बना हुआ, तब विभाजन नहीं हुआ था। हो सकता है कि तब स्टेशन का नाम उर्दू में रहा हो, लेकिन अब नहीं होना चाहिए।

पहले भी हो चुका है विवाद
दून रेलवे स्टेशन पर उर्दू में लिखा नाम मिटाकर संस्कृत में लिखने को लेकर पहले विवाद हो चुका है। फरवरी 2020 में उर्दू की जगह इस स्टेशन का नाम संस्कृत में ‘देहरादूनम्’ लिख दिया गया था। इसके बाद रेलवे ने स्पष्ट किया था कि किसी भी स्टेशन से उर्दू भाषा में लिखे नाम को नहीं हटाया जाएगा। साइन बोर्डों पर अतिरिक्त भाषा में नाम लिखा जा सकता है।

दून स्टेशन का कायाकल्प 1500 करोड़ से होगा
वहीं दून रेलवे स्टेशन का कायाकल्प करीब 1500 करोड़ रुपये से किया जाएगा। इसके तहत नए एंट्री गेट, नए भवन, ओवरब्रिज और पार्किंग समेत तमाम यात्री सुविधाएं जुटाई जाएंगी। यह काम अब रेलवे खुद करेगा।

दून रेलवे स्टेशन बनेगा मॉडल रेलवे स्टेशन
गुरुवार को रेलवे बोर्ड की यात्री सुविधा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष पीके कृष्णादास के नेतृत्व में दून रेलवे स्टेशन पहुंचे पीएसी के सदस्य तेजेंद्र सिंह शरण ने बताया कि यहां निरीक्षण में जो छोटी-मोटी खामियां मिली हैं, उन्हें दूर करने के लिए अफसरों को निर्देश दे दिए गए हैं। जबकि, बड़ी खामियों को रेलवे बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि दून रेलवे स्टेशन को मॉडल रेलवे स्टेशन बनाया जाना है। इसके लिए 205 करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं। इस प्रोजेक्ट में 1500 करोड़ रुपये तक की लागत आएगी।

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