Shrimad Bhagwat Geeta : श्रीमद भगवत गीता की 5 ऐसी बातें, जो सिखाती है आपको जीवन जीने का सलीका

Shrimad Bhagwat Geeta : श्रीमद भगवत गीता एक ऐसा ग्रंथ जो आपको जीने का सलीका सिखाता है । श्रीमद भगवत गीता दुनिया के उन चंद ग्रंथों में से एक है जिन्हें आज भी सबसे ज्यादा पढ़ा जाता है । यह ग्रंथ आपको अपने कर्मों का अर्थ समझाता है । भगवत गीता को हिंदुओं का सर्वोच्च ग्रंथ माना गया है इस ग्रंथ के 18 अध्यायों के करीब 700 श्लोकों में हर उस समस्या का हल है जो जीवन काल में आपके सामने अक्सर खड़ी हो जाती है ।  आज हम अपने इस लेख में आपको श्रीमद भगवत गीता में पांच अहम बातें बताने जा रहे है ।

Shrimad Bhagwat Geeta : अधूरा ज्ञान हमेशा घातक होता है

हमारी 5 बातों में से पहली बात यह है कि अधूरा ज्ञान सबसे ज्यादा खतरनाक होता है । इस बात का उदाहरण भगवत गीता की उन पंक्तियों में है जब अभिमन्यु जैसे वीर को अधूरा ज्ञान के कारण महाभारत के युद्ध में वीरगति प्राप्त हुई थी । बता दें कि वीर अभिमन्यु अधूरे ज्ञान के साथ कौरवों के चक्रव्यू में घुस गए थे और क्योंकि उन्हें चक्रव्यू से निकलना नहीं आता था। इसलिए वह उसमं  फंस गए थे उनके पास अधूरा ज्ञान था जो कि घातक साबित हुआ कहते हैं मुसीबत के समय यह अधूरा ज्ञान किसी भी काम का नहीं रहता है।

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हथियार से ज्यादा घातक होते है शब्द

महाभारत का युद्ध वैसे तो कई कारणों की वजह से हुआ था लेकिन यह कहा जाता है कि महाभारत का युद्ध नहीं होता यदि कुछ लोग अपने वचनों पर संयम रख लेते । अगर द्रोपति दुर्योधन को अंधे का पुत्र अंधा नहीं कहती तो शायद महाभारत नहीं होती।

Shrimad Bhagwat Geeta :

Shrimad Bhagwat Geeta

सदा सत्य के साथ रहो

सत्य के साथ चलना सत्य का साथ देना यह बात आपको भगवत गीता सिखाती है । कौरवों की सेना पांडवों की सेना से कई ज्यादा थी । लेकिन कहते हैं विजय हमेशा उसकी होती है जहां ईश्वर है और ईश्वर हमेशा वही है जहां सत्य है इसलिए सत्य का साथ कभी ना छोड़े ।

जुए सट्टे में ना पड़े

जुआ एक खेल ऐसा है जो आप को ऊंचाइयों तक भी पहुंचा सकता है और आपको मिट्टी में ही मिला सकता है । जुआ ही वह खेल है जिसे हारकर पांडवों ने अपनी संपत्ति सहित द्रौपदी को भी हारा था । जुए की वजह से पांडवों को कौरवों के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ा था जुए के खेल में अपनी बीवी द्रौपदी को दांव पर लगाकर युधिष्ठिर ने अधर्म किया था और फिर बाद में जो हुआ वह आज भी लोग भगवत गीता में पढ़ते हैं इसलिए जुए, सट्टे, षड्यंत्र से हमेशा दूर रहे ।

Shrimad Bhagwat Geeta : दोस्त और दुश्मन दोनों की पहचान जरूरी

भगवती गीता एक ऐसा ग्रंथ है जो आपको यह सिखाता है कि आप अपने दोस्त और दुश्मन की पहचान अवश्य कर ले । महाभारत में यह दिखाया गया है कि कई लोगों ने पाला बदलकर कौरवों और पांडवों का साथ दिया था । शल्य और युयुत्सु इन्हीं के उदाहरण है । कई बार दोस्त के भेष में दुश्मन हमारे साथ आ जाते हैं और हम से कई तरह के राज ले लेते हैं जैसे भीष्म, द्रोण, विदुर थे तो  कौरवों के साथ लेकिन मन से उन्होंने हमेशा पांडवों का ही साथ दिया ।