Lion Commit Suicide : जंगल का राजा कहलाने वाला शेर बूढ़ा होने पर आत्महत्या कर लेता है आपको यह बात सुनने में भले ही अजीब लग रही हो लेकिन यह बात बिल्कुल सच है कि शेर बूढ़ा होने पर आत्महत्या कर लेता है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों है ? जिस शेर की दहाड़ से जंगल का हर जानवर चौकन्ना हो जाता है और अपनी जान बचाने को इधर-उधर भागने लगता है आखिर क्यों वह खूंखार शेर बूढ़ा होने पर अपनी मर्जी से मौत को गले लगा लेता है ? आज हम आप आपको इस लेख में इन सभी सवालों का जवाब देने जा रहे कि आखिर क्यों जंगल का राजा कहलाने वाला शेर आत्महत्या कर लेता है और किस वजह से वह ऐसा करने पर मजबूर होता है।
Lion Commit Suicide : अंतिम समय में काफी परेशानियों का सामना शेर

दोस्तों यह बात तो आपने सुनी ही होगी कि शेर जंगल का राजा होता है। लेकिन जंगल का राजा कहलाने वाला शेर अपने अंतिम समय में काफी परेशानियों का सामना करता है और बेहद अकेला महसूस करता है। बूढ़ा होने पर शेर की स्थिति इतनी बुरी हो जाती है कि उसके पास आत्महत्या करने के सिवा कोई रास्ता बचता नहीं है और वह मौत को ही चून्ना आसान समझता है।
Lion Commit Suicide : हमेशा झुंड में ही रहते शेर

दरअसल शेर वो प्राणी है जो समूह में रहना पसंद करता है जी हां दोस्तों शेर हमेशा झुंड में ही रहते हैं। शेर कभी भी अकेले इधर-उधर नहीं जाते क्योंकि उन्हें झुंड में रहना पंसद होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि शेर के झुंड में लगभग 15 से 20 सदस्य होते है जिनमे 5 शेरनियां होती है बाकी नर सदस्य होते है । खास बात यह है कि इस झुंड में शेरनी ही हमेशा शिकार करती है। गौर करने वाली बात यह है कि शेरनी जब बच्चों को जन्म देती है तो करीब 2 हफ्ते बाद उसके बच्चों की आंखें खुलती है और 4 हफ्तों बाद ये बच्चे चलना शुरु करते है । चलना शुरु करने के लगभग चार महिने बाद ये बच्चे झुड़ की अन्य शेरनियों के साथ बाहर निकलते हैं और शिकार करना भी सीखते हैं. धीरे धीरे ये शेर के बच्चे शिकार करने में झुंड़ की शेरनियों का सहयोग करने लगते हैं.
Lion Commit Suicide : बूढ़ा होने पर झुंड से कर दिया जाता है बाहर

लेकिन शिकार करने वाले ये बच्चें जब थोड़े बढ़े होते है तो अपने झुंड के बूढ़े हो रहे शेरो को झुड़ से बाहर करना शुरु कर देते है । दोस्तों यह बात सुनने में थोड़ी अजीब है लेकिन शेरों के परिवारों की यही परंपरा चली आ रही है कि वह बूढ़े शेर को अपने झुंड का हिस्सा कभी नहीं बनाते भले ही वह बूढ़ा शेर उनके परिवार का हिस्सा क्यों ना हो बूढ़े शेर को एक ना एक दिन झुंड छोड़कर जाना ही पड़ता है.जब नए पुरुष शेर बूढ़े शेर को अपने झुंड़ से बाहर निकालते है । तो हमेशा से ही समुह मेैं रहने वाले वो बूढ़ा शेर बहुत अकेला हो जाता है। इतना अकेला की वह शिकार करने में भी असर्थ होता है ।
Lion Commit Suicide : झुंड से बाहर होने पर ऐसे शेर ऐसे करता है अपना भरण-पोषण

हालांकि अगर कोई जानवर जंगल में खुद से मर जाता है तो यह शेर उसे खा लेता है और अपना भरण-पोषण करता है लेकिन हर बार इस बूढ़े शेर की किस्मत इतनी अच्छी नहीं रहती कि उसे बिना शिकार की है कुछ खाने को मिल जाए। अक्सर इस बढ़े शेर को भूका ही रहना पड़ता है और क्योंकि उसके परिवार ने उसे नकार दिया होता है इसलिए उसमें इच्छाशक्ति भी खत्म हो जाती है और इसलिए वह बूढ़ा होकर आत्महत्या कर लेता है बूढ़ा होकर जब शेर अकेले बैठता है तो उसके शरीर में कुछ कंपन सी होती है दिखने में ऐसा लगता है वह आत्महत्या करता कर रहा है। दोस्तो तो अब आप जान ही गए होंगे की शेर बूढ़ा होकर आत्महत्या क्यों कर लेता है ।
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